दिवाली हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जिसे हर साल मनाया जाता है। इसे दीपावली या रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली हर साल बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
Introduction
इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर को है। द्रिक पंचांग के अनुसार छोटी दीपावली और लक्ष्मी पूजा एक ही दिन मनाई जाएगी।
Date and Shubh Muhurat
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 6:52 बजे से रात 8:41 बजे तक, प्रदोष काल - शाम 6:10 बजे से रात 8:52 बजे तक, वृषभ काल - शाम 6:52 बजे से रात 8:41 बजे तक, अमावस्या तिथि प्रारंभ - अक्टूबर सुबह 6:22 बजे 31, अमावस्या तिथि समाप्त- 1 नवंबर को सुबह 8:46 बजे
धनतेरस दिवाली के त्यौहार की शुरुआत का प्रतीक है। लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं और समृद्धि और धन की प्रार्थना करते हैं।
Dhanteras
दूसरे दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। यह राक्षस नरकासुर के विरुद्ध भगवान कृष्ण की विजय का सम्मान करता है।
Choti Diwali
दिवाली भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या लौटने का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को मिट्टी के दीयों, रंगोली और रोशनी से सजाते हैं।
Diwali
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा मनाते हैं। यह गोवर्धन पर्वत की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने पर्वत को उठाकर मथुरा के लोगों को भगवान इंद्र से बचाया था।
Govardhan Puja
दिवाली के त्यौहार का आखिरी दिन भाई दूज, भाऊ बीज या भैया दूज के रूप में मनाया जाता है। यह भाई-बहन के बीच के खास रिश्ते का जश्न मनाता है।